WHAT IS VALENTINE DAY?? CAN U BE MY VALENTINE?
इन्हें बी जरुरत है एक वैलेंटाइन की!!!!!!!!!!!
क्या वक़्त है हमारे पास इस जिन्दगी की मसरूफियत से ??
शायद असली मतलब हम भूल चुके है। विदेशी हर त्यौहार को अपनाया है हिंदुस्तान की जनरेशन ने। बहोत अच्छी बात है, नयी चीजो को तो अपनाना चाहिए । पर नहीं अपना पाए तो भारतीयता को। हमारे संस्कार हम भूल रहे है। विदेशियों के पास सब कुछ है पर मन की शांति नहीं है। वो उसी शांति की तलाश में हिंदुस्तान में आते है। और बस जाते है भारत में।
आज के वैलेंटाइन की परिभाषा यही तक सिमित रह गई है!!!! .....एक लड़की या एक लड़का एक नहीं, पर दर्जनों भर लोगो से दिल लगाने का और फिर अपने आपको मोर्डेन कहना का अच्छा बहाना बनाया है।
कभी FRIENDSHIP DAY, KABHI VALENTINE DAY, KABHI HUG DAY, KABHI TEDDY DAY, KABHI KISS DAY!!!!
असली मकसद जो है वो तो सब भूल चुके है और सिर्फ एक दिखावा रह गया है, कौन समजाएगा आजकी पीढ़ी को इन सब के मायने?असल में वैलेंटाइन का मतलब ही प्रेम और प्यार बाँटना है पर ये वैल्यूज खत्म हो रही है।
क्या फ्रेंड का सही में मतलब समजे है? क्या एसा कोई दोस्त पाया है जिसके कंधे पर सर रख कर रोया जा सके? क्या एसा कोई HUG- आलिंगन दिया है जिससे किसी बी इन्सान के चेहरे पर मुस्कराहट आई हो? क्या एसा TEDDY DAY मनाया है जो किसी को दे कर या सिर्फ बात से ही किसी की ख़ुशी जान पाए हो?
और रही बात वैलेंटाइन डे की? क्या वो सच्चा प्यार रहा है आज? जहा मीरा या राधा का रूप देखा जा सके?
सिर्फ जिस्मानी दायरों को मानना कोई VALENTINE NAI HAI!! मुस्कराहट और खुशिया बांटने से बढती है।एक बार किसी की हसी और ख़ुशी का कारन बन कर देखो, वो प्यार बाँट कर देखो। कितनी ख़ुशी मिलती है। मर्द और औरत अगर अपने रिश्तो की मर्यदा को समजकर दोस्ती की शान या रिश्ते की शान को समजे तो हर दिन वैलेंटाइन डे है। ह्यूमैनिटी जो हम भूल चुके है उसके साथ एक बार एक 14फरवरी बी मनाकर देखना चाहिए .......
जान पाए
सोच बदलने की जरुरत है सिर्फ। भारत देश ने सब को पनाह दी है अब एक भारतीय होने के नाते हमने अगर विदेशी त्योहारों को अपनाया है तो उसकी सही मायने हमें ही तय करने है और दुनिया को दिखाना है के सही मायनो में त्यौहार का मतलब क्या है और भारत के संस्कार क्या है?