‘ওঁ ভূর্ভুবস্ব তৎসবিতুর্বরেণ্যং ভর্গোদেবস্য ধীমহি ধীয়ো য়ো নঃ প্রচোদয়াৎ’— ॐ गायत्री मंत्र
এই মন্ত্রে যে যে দেবতা উল্লিখিত হয়েছেন, তাঁদের নামগুলি দেখা যাক। ‘ওঁ’ পরব্রহ্ম, ‘ভূ’ অর্থাৎ পৃথিবীলোক, ‘ভুবঃ’ আকাশলোক, ‘স্ব’ স্বর্গ। এখানে এই ত্রিলোকের অধিপতি পরমের কথা বলা হয়েছে। ‘তৎ’-এর অর্থ চূড়ান্ত সত্য, ‘সবিতু’ অর্থে যাবৎ কিছুর উৎস। ‘বরেণ্যম’ অর্থাৎ এঁদের প্রণাম করা হচ্ছে। ‘ভর্গো’ শব্দের অর্থ আধাত্ম্যশক্তি, ‘দেবস্য’ দৈব সত্তা। এবং সেখানে ‘ধীমহি’ অর্থাৎ ধ্যান করা হচ্ছে। ‘ধীয়ো’ অর্থে ধীশক্তি বা বৌদ্ধিক উৎকর্ষ, ‘প্রচোদয়াৎ’-এর অর্থ আলোকপ্রাপ্তি। এখানেই বোঝা যায়, এই মন্ত্রে কোথাও কোনও পৌত্তলিক দেবতার উল্লেখ নেই।
Gayatri Mantra
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवी- तुवरण्यम
भर- ्गो देवसयाह धीमही
धियो यो न: प्रचोदयात्-
Om bhoor bhuvah svah
Tat savitur varenyam
bhargo devasya deemahi
dhiyo yo nah prachodayaat
Gayatri Mantra Meaning in Hindi -
गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में सबसे महेत्वपूर्- ण मंत्र माना जाता है.
भर- ्गो देवसयाह धीमही
धियो यो न: प्रचोदयात्-
Om bhoor bhuvah svah
Tat savitur varenyam
bhargo devasya deemahi
dhiyo yo nah prachodayaat
Gayatri Mantra Meaning in Hindi -
गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में सबसे महेत्वपूर्- ण मंत्र माना जाता है.
यह मंत्र हमें ज्ञान प्रदान करता है| इस मंत्र का मतलब है - हे प्रभु, क्रिपा करके हमारी बुद्धि को उजाला प्रदान कीजिये और हमें धर्म का सही रास्ता दिखाईये. यह मंत्र सूर्य देवता के लिये प्रार्थना रूप से भी माना जाता है.
गायत्री मंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या (Gayatri Mantra Meaning by words in Hindi)
ॐ = प्रणव
भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला
भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला
तत = वह
सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
वरेण- ्यं = सबसे उत्तम
भर्गो- = कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य- = प्रभु
धीमहि- = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो = बुद्धि
यो = जो
नः = हमारी
प्रचो- दयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना)
G- ayatri Mantra Meaning by words in English
Om: The Original sound;
Bhur: the physical body;
Bhuvah: the life force
Suvah: the soul/spiritual nation;
Tat: God;
Savitur: the Sun, Creator (source of all life);
Vareñyam: adore;
Bhargo: effulgence (divine light);
Devasya: superior Lord;
Dhīmahi: meditate;
Dhiyo: the intellect;
Yo: May this light;
Nah: our;
Prachodayāt: illumine/inspire
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